उद्देश्य
प्रारंभिक स्तर के सामाजिक कार्यकर्ताओं का वित्तीय रूप से समर्थन करना, ऐसे कार्यकर्ता जो भारतीय समाज के आर्थिक और सामाजिक रूप से वंचित वर्ग (जो देश के ग्रामीण या आदिवासी क्षेत्रों में कहीं भी रह रहे हैं) के लाभ के लिए काम कर रहे हैं।
संकल्पना
भारतीय समाज बहुत ही पेचीदा दौर से गुजर रहा है। जहां एक ओर, उद्योगों और पलायन के बढ़ने के साथ अमीर और गरीब के बीच की खाई बढ़ती जा रही है, वहीं दूसरी तरफ, कई लोग, अधिकतर युवा वर्ग, समाज के वंचित वर्गोंं की सेवा करनेेे के लिए अब Corporations के साथ अपने नियमित कैरियर को छोड़ने का विकल्प चुन रहे हैं। फिर चाहे दलित समुदाय हो, छोटे पैमाने के वंचित किसान हो, दैनिक वेतन प्राप्त करने वालेे हो, झुग्गियों में रहने वाले लोग हो, आदिवासी हो या LGBT समुदाय हो; इन समुदायों की जरूरतों को पूरा करने के लिए कई लोग, मुख्य रूप से मध्यम वर्गीय पृष्ठभूमि के लोग, सामाजिक कार्यकर्ताओं के रूप में आगे आ रहे हैं और सुनिश्चित कर रहेेे हैं कि वे गरिमा के साथ रहें।
हालांकि, उनके साहसी प्रयासों के बावजूद, इन सामाजिक कार्यकर्ताओं की यात्रा चुनौतियों से भरी हुई है। अपने माता-पिता, साथियों एवं करीबी रिश्तेदारों की तरफ से आने वाले सामाजिक दबाव के अलावा, अपनी दैनिक जीविका के लिए वित्तीय आवश्यकता का प्रबंध करना, उनकी प्राथमिक चुनौतियों में से एक है। उनमें से कुछ, कई बार, भाग्यशाली होते हैं जो उन्हें अपने दोस्तों या परिवार से समर्थन प्राप्त होता है, जबकि अन्य अंततः थक जाते हैं और अपने प्रयासों को बीच में छोड़कर अपने नियमित व सामान्य करियर विकल्पों पर वापस चले जाते हैं।
दिशा परिवर्तन फैलोशिप ऐसे सामाजिक कार्यकर्ताओं का समर्थन करने की एक पहल है ताकि वे अपने शुरुआती वर्षों में अपना काम जारी रख सकें और एक ऐसे स्तर तक पहुँच सकें जहाँ वे इसे स्वयं से बनाए रखें। फेलोशिप का उद्देश्य उन सामाजिक कार्यकर्ताओं का समर्थन करना है जो वर्तमान में भारतीय समाज के आर्थिक या सामाजिक रूप से वंचित वर्ग, जो देश के स्लम, ग्रामीण या आदिवासी क्षेत्रों में कहीं भी रहते हैं, के लाभ के लिए काम कर रहे हैं। हमारी वर्तमान रुचि 'सस्टेनेबिलिटी और जलवायु परिवर्तन' क्षेत्र पर ध्यान देने की है, हालांकि अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता भी आवेदन कर सकते हैं।
फेलोशिप का वर्तमान उद्देश्य दो सामाजिक कार्यकर्ताओं की पहचान करना और उन्हें 2 साल (आवश्यकता और प्रतिबद्धता के आधार पर +1 वर्ष) की अवधि के लिए उनके दैनिक व्यक्तिगत गुजारे के लिए 12,000 रुपये की मासिक सहायता प्रदान करना है। यह फेलोशिप इस समझ के साथ दी जाएगी कि जब कार्यकर्ता अपने उपक्रम पर पूर्ण रूप से काम करना जारी रखेंगे, तो वे फेलोशिप के बाद भी अपने प्रयासों को बनाए रखने के लिए एक प्रैक्टिकल तरीका खोजने में सक्षम होंगे।
कौन आवेदन करने के योग्य है
कोई भी सामाजिक कार्यकर्ता, जो वर्तमान में भारतीय समाज के आर्थिक या सामाजिक रूप से वंचित वर्ग, जो देश के किसी भी इलाके, ग्रामीण या आदिवासी इलाकों में रहता है, के लाभ के लिए काम कर रहा है, और वह:
1) जिसने अपने सामाजिक उपक्रम की शुरुआत खुद की हो।
2) जो कम से कम एक वर्ष के लिए पूर्णकालिक रूप से अपनी वर्तमान सामाजिक उपक्रम में लगे हुए हैं। सामाजिक उपक्रम आवेदक का अपना एक मूल अथवा वास्तविक विचार होना चाहिए और गैर-लाभकारी होना चाहिए।
3) जो फेलोशिप की पूरी अवधि के लिए अपनी सामाजिक उपक्रम में पूर्णकालिक काम करने को तैयार हैं।
4) जो एक स्वस्थ मूल्य प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए कल्पना करते हैं, जिससे करुणा, सामाजिक और आर्थिक समानता, न्याय, धर्मनिरपेक्षता, सहयोग इत्यादि को बढ़ावा मिलता है।
5) जो इस बात का विवरण देने में सक्षम है कि आवेदन करने के समय वह किस तरह से अपना खर्चा चला रहा है।
6) जो एक वास्तविक योजना प्रदान करने में सक्षम है कि वह कैसे काम जारी रखने के लिए, फेलोशिप के अंत में आत्मनिर्भर बनेगा/बनेगी।
जिन सामाजिक कार्यकर्ताओ ने अपने उपक्रम के लिए अपनी संस्था को पंजीकृत किया है, उन्हें फेलोशिप के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। फेलोशिप के लिए आवेदन करने के समय, जिन लोगों ने अपनी संस्था पंजीकृत नहीं की है, हमारी टीम या तो उन्हें पंजीकरण करने के लिए कहेगी या पंजीकरण दर्ज न करने के लिए उनके कारणों को समझने की कोशिश करेगी, अगर उनके पास इसके लिए कोई वैचारिक कारण हैं । यदि टीम उल्लिखित वैचारिक कारणों को संतोषजनक पाती है, तो वह फेलोशिप के लिए आवेदन पर विचार करेगी।
कौन आवेदन करने के योग्य नहीं है
- मौजूदा पुरानी संस्था की कोई नई परियोजना
- धार्मिक उपक्रम
- अनुसंधान अध्ययन
- वकालत / पैरवी पहल
- अन्य समरूप फैलोशिप के प्राप्तकर्ता
चयन प्रक्रिया
चरण 1: प्रारंभिक एप्लीकेशन फॉर्म
चरण 2: विस्तृत एप्लीकेशन फॉर्म
चरण 3: टेलिफोन पर साक्षात्कार
चरण 4: उपक्रम की वास्तविकता को समझने के लिए फील्ड विजिट
निगरानी / जांच (Monitoring)
फ़ेलोशिप के दौरान, फ़ेलो को अपनी गतिविधियों की मासिक रिपोर्ट जमा करनी होगी, और हमारी त्रैमासिक बैठकों (ऑनलाइन) एवं क्षमता निर्माण कार्यक्रमों (ऑनलाइन) में भाग लेना होगा। इसके अतिरिक्त, हमारी संचालन टीम फोन पर फेलो (कम से कम एक फोन कॉल प्रति तिमाही) के संपर्क में रहेगी और वर्ष में कम से कम एक बार उनसे ऑन-फील्ड भी मुलाकात करेगी।
निकास नीति
यदि हमारी टीम, अपने मूल्यांकन के दौरान, यह देखती है कि फेलोज़ अब फेलोशिप के लिए अनिवार्य पूर्व-आवश्यकताओं/शर्तों को पूरा नहीं कर रहा है, जो कि हैं : 1) पूर्णकालिक रूप से उपक्रम में शामिल रहना 2) गैर-लाभकारी उपक्रम के माध्यम से समाज के आर्थिक या सामाजिक रूप से वंचित वर्ग के लाभ के लिए काम करना 3) एक स्वस्थ मूल्य प्रणाली को बढ़ावा देना 4) संस्था को पंजीकृत कराना यदि उसकी सलाह दी जाती है, इत्यादि; तो हमारी टीम फेलोज़ को एक महीने की नोटिस अवधि देने के बाद फेलोशिप को बंद करने का विकल्प चुन सकती है। फेलोज़ को पूर्व-अपेक्षाओं का पालन न करने के लिए उसके कारणों को साझा करने का अवसर दिया जाएगा।
अधिक जानकारी
- फैलोशिप के दौरान सभी वित्तीय लेनदेन, बैंक खातों के माध्यम से किए जाएंगे।
- सभी कानूनी कार्यवाही हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में आएगी।